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महिला की हिम्मत और जज्बे की कहानी कुली बन चला रही है परिवार | Bhopal Railway Station Kuli Laxmi Devi
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यह बात सत्य कही गई है की यदि इंसान के अंदर कार्य को करने हिम्मत और लगन हो तो वो दुनिया के मुश्किल से मुश्किल कार्य को कर सकता है। इसी बात से जुड़ी कहानी है मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रेलवे स्टेशन पर काम कर रही लक्ष्मी की जिनकी कहानी आज की तमाम उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो किसी कार्य को करने से पहले सोच में पड़ जाती है की हम तो महिला है हमसे केसे होगा।
लक्ष्मी की इस कहानी के शुरुआत तब हुई जब इसी साल उनके पति की मौत हो गई। घर में अब कमाने वाला कोई नही था। अपने बच्चों का भविष्य खतरे में देख लक्ष्मी ने ही कुछ करने की ठानी और भोपाल के रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करना शुरु कर दिया। दोस्तो आपको बता दे की लक्ष्मी देवी के पति भी इसी रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते थे। आज उसी रेलवे स्टेशन पर लक्ष्मी काम कर रही है जहां उसकी पहचान है बिल्ला नंबर 13.
यदि दोस्तो आपका कभी भोपाल का सफर हो तो आपको भोपाल के रेलवे स्टेशन पर बिल्ला नंबर -13 में लक्ष्मी का मुस्कुराता हुआ चेहरा जरुर नजर आ जाएगा। अपने उपर आयी जीवन की सबसे बड़ी मुश्किल के बाद भी लक्ष्मी ने जिंदगी से हार नही मानी और खुद कुछ करने की ठानी अपने इसी साहस और हौंसले की बदोलत आज वो अपने परीवार को पाल रही है।
बच्चे का भविष्य था सामने
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भोपाल रेलवे स्टेशन पर काम करने वाली लक्ष्मी देवी ने बताया की पति की मौत के बाद परिवार की सम्पूर्ण जिम्मेदारी मेरे कंधों पर थी। मेरे 8 साल के बच्चे का भविष्य मेरे उपर निर्भर हो गया था उसे एक अच्छा जीवन देना था बस इन्ही मुश्किल परिस्थितियों के चलते मुझे यह कुली का काम करना पड़ा। कुली की नौकरी से 50 से 100 रुपये पुरे दिन में कमा पाती हूं।
कुली की नौकरी के बारे में बात करते हुए लक्ष्मी ने बताया की "यह नौकरी करना मेरे लिए इतना आसान काम नही था। यह एक मुश्किल भरा काम है। कई बार यात्रियो का लगेज 50 किलो तक होने पर भी उसे उठाना पड़ता है। लक्ष्मी ने बताया की इस कार्य के अलावा मेरे पास आय का दुसरा कोई साधन भी नही है। लेकिन मुझे मेरे बेटे का भविष्य बेहतर बनाना है इसलिए मजबुरन यह काम करना पड़ रहा है।
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चाहती है एक स्थाई नौकरी
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लक्ष्मी ने कुली की नौकरी के बारे मे बात करते हुए बताया की इस काम में कुछ तय नही है। कोई दिन ऐसा भी होता है की पुरे दिन यात्री की राह देखने के बाद भी कोई लगेज नही मिलता। मुझे अपने बेटे को अच्छी शिक्षा व अच्छा जीवन देना है इसके लिए एक अच्छी और स्थाई नौकरी की तलाश है।
रेलवे में की ग्रुप डी की नौकरी की मांग
लक्ष्मी की हिम्मत और जज्बें को देख भोपाल रेलवे स्टेशन पर उनके साथी कुली महेश प्रजापति ने कहा की, हमने रेलवे विभाग के अधिकारीओं को लक्ष्मी को रेलवे विभाग के डी ग्रुप में नौकरी देने के लिए पत्र लिखे है। कई बार होता है की एक महिला को लोग कुली की नौकरी करते हुए देखते है तो वो उनसे अपना लगेज उठाने से मना कर देते है ऐसी स्थिति होने पर हम कई बार उन लोगो की लक्ष्मी की मजबुरी से अवगत कराते है साथ ही जरुरत पड़ने पर उसकी मदद भी करते है।
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लक्ष्मी द्वारा अपने परिवार को पालने के लिए कुली की नौकरी पर उन्ही के एक साथी ने बताया की“ आज भले ही लक्ष्मी के बारे में कुछ भी सोचे लेकिन लक्ष्मी आज अपने पैरो पर खड़ी है और अपने बेटे का भविष्य बनाने के लिए भोपाल के रेलवे स्टेशन पर दिन भर मेहनत करती है। आज लक्ष्मी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरण है जो जीवन में आत्मनिर्भर बनना चाहती है।
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