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वेब सीरीज 'पंचायत' फेम चंदन रॉय के जीवन के बारे में कुछ बातें | Chandan Roy Panchayat Actor in Hindi
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जानिए मुंबई की गलियों में चक्कर काटने वाला चंदन रॉय को कैसे मिला 'पंचायत' में विकास का किरदार? | Chandan Roy Panchayat Actor in Hindi
जिंदगी का संघर्ष आपको जीने की ताकत देगा। जीवन की संतुष्टि के लिए मेहनत और संघर्ष सबसे आवश्यक होते हैं। बिना संघर्ष के आपके जीवन की नैय्या को किनारा नहीं मिलने वाला। जब जीवन का सबसे मूल्यवान सच संघर्ष ही है तो हममें से हर किसी को इससे बचने की कोशिश नहीं करना चाहिए।
हर जीव का संबंध है संघर्ष से ये जान ले
हर व्यक्ति होता है सफल कुछ त्याग कर ये मान ले
यदि हैं कठिन राहें तो अपने स्वप्न हम क्यों तोड़ दें
भयभीत हो अपनी दशा से पग को हम क्यों मोड़ दें |
चंदन रॉय का जीवन परिचय
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बिहार वैशाली ज़िले के महनार ब्लॉक के रहने वाले चंदन रॉय पंचायत वेब सीरीज़ के एक्टर है। 20 दिसम्बर 1995 में चंदन रॉय का जन्म हुआ। चंदन रॉय को बचपन से ही अभिनय में दिलचस्पी थी। वह विद्यालय में नाटको में हिस्सा लिया करते थे और बाद में अपनी शिक्षा पूरी करने पटना गये और वहां जाकर पटना विश्वविद्यालय से जनसंचार में स्नातक (Bachelors in Mass कम्युनिकेशन) की शिक्षा पूरी की।
विश्वविद्यालय में भी चंदन रॉय नाटक में हिस्सा लिया करते थे और बाद में चंदन रॉय ने भारतीय जन संचार संस्थान ( Indian Institute of Mass Communication ) ज्वाइन कर ली था। एक मीडिया संगठन से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार पता चला की चन्दन रॉय टीवी और वीसीआर किराए पर लेते थे और शक्तिमान, कैप्टन व्योम, चित्रहार व रंगोली देखते थे. चन्दन रॉय के दोस्त खाली समय में क्रिकेट खेल रहे होते थे और चन्दन रॉय हॉल में मिथुन चक्रवर्ती और गोविंदा की फ़िल्में देखने जाते था |
बेटा दरोगा बने माँ का सपना
चंदन के माता पिता पटना में ही रहते थे और उनकी माँ चाहती थी की चंदन रॉय दरोगा बने। चंदन रॉय के पिता पुलिस इंस्टपेक्टर है और वो चाहते है की उनका बेटा पटना आ कर कुछ करे।
माता - पिता की इच्छा सरकारी नौकरी और समाज में सम्मान
चंदन रॉय के इन्टरव्यू से पता चला की वह जहाँ से है वहाँ के लोग सोचते है की अगर सरकारी नौकरी रहेगी तो समाज में सम्मान रहेगा और शादी भी अच्छी जगे होगी तो दहेज़ भी अच्छा मिलेगा। चंदन रॉय के लिए एक्टिंग की दुनिया में जाना इतना आसान नहीं था और पंचायत वेब सीरीज़ में काम मिलाना भी इतना आसान नहीं था। चंदन की माँ आज भी कहती है की घर आ जाओ और सरकारी नौकरी करो उम्र निकल गयी तो पटना में पान की दुकान लगानी पड़ेगी।
चंदन रॉय को मिला पंचायत वेब सीरीज में काम
चंदन रॉय मुम्बई में रहा करते थे और वो ऑडिशन के लिए मुंबई के अंधेरी वेस्ट के आराम नगर में चक्कर लगाया करते थे। चंदन रॉय को पता चला की ‘कास्टिंग बे’ में वेब सीरीज के लिए ऑडिशन हो रहे है। चंदन रॉय वहा ऑडिशन के लिए गए वहा कास्टिंग देख रहे एक व्यक्ति उन्हें ऊपर से निचे देखा और बोला की रात को 2 बजे आना। चंदन रॉय दो बजे पहुँच गये और तब जाकर उनको वेब सीरीज में काम मिला।
माता- पिता को फिकर रहती है
चंदन रॉय के माता- पिता को आज भी लगता है की वह अपना काम छोड़ कर वापस घर आ जाये और सरकारी नौकरी करे। चंदन रॉय के माता पिता को फिकर रहती है की उनका बेटा सही से रह रहा है और सही से खा रहा होगा की नहीं।
निष्कर्ष :-
संघर्ष करने से ही आगे बढ़ा जा सकता है। चंदन रॉय ने संघर्ष किया और उन्हाने अपना मुकाम हासिल किया इसी तरह संघर्ष करते रहना चाहिए हार कभी नहीं माननी चाहिए।