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महिला की जीवन संघर्ष कहानी जो सिखाती है जीवन जीना |Inspiring Story of Madhumita Chakraborty In Hindi
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जीवन में कुछ पाने व करने के सपने कौन नही देखता सब चाहते है की उनके सपने एक दिन हकीकत बन उनके जीवन में खुशिया भर दे। लेकिन दोस्तो जीवन में सब कुछ पाना इतना आसान नही है। इसके लिए हमें जीवन में आयी हर मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है एवं सबसे बड़ी चीज इंसान को सफल बनने के लिए खुद पर विश्वास रखना सबसे ज्यादा जरुरी है।
यह बात पुरी तरह जमती है मुंबई की रहने वाली मधुमिता चक्रवती पर बचपन में ही उन्हें इस बात का एहसास हो गया था की डांस उनके लिए और वो डांस के लिए बनी है।
मधुमिता चक्रवर्ती बताती है की -
“ डांस से लगाव मुझे तब हो गया था जब मै महज 2 साल की थी। एक बार मै और मम्मी-पापा फिल्म देखने गए तब फिल्म में गाना आया “ जय जय शिव शंकर ” तब मै मम्मी की गोद से उतर कर नाचने लगी। डांस से प्यार के चलते डांस की कई क्लास ली और डांस के गुर सीखे जब 14 साल की थी तब पहली बार लोगो के सामने स्टेज पर परफार्म किया ”
मधुमिता के जीवन में परिस्थितियां तब बदल गई जब बचपन में ही उनके पिता का निधन हो गया पिता की मौत के बाद घर की जिम्मेदारियों का भार उन पर आ गया।
“ जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन मेरे जीवन में दुखों का पहाड़ तब टूटा जब पिताजी का अचानक दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया। पिता की मौत के बाद मां घर की जिम्मेदारियां नही लेना चाहती थी। यहां तक की उन्होंने मेरी आगे की शिक्षा के लिए भी पैसे देने से मना कर दिया। जब मे कक्षा 9वीं में थी तब पढ़ाई के साथ कई स्टेज शो में भाग लेती जंहा मुझे प्रती शो 125 रुपये मिलते थे ”
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जब मधुमिता 18 साल की हुई तब उन्हें अपने साथी डांसर से प्यार हो गया। मधुमिता ने यह बात जब अपनी मां को बताई तो उन्होंने दोनो के प्यार को स्वीकार करने से मना कर दिया, माँ के फैसले के बाद मधुमिता ने घर छोड़ने का फैसला कर लिया और घर छोड़ कर मधुमिता ने शादी कर ली। दोस्तो मधुमिता के जीवन का यह फैसला उनका जीवन बदलने वाला निर्णय था।
“ घर छोड़कर शादी करने बाद मे अब नया जीवन जीने के लिए उत्साहित थी। लेकिन यह बात बिलकुल महसूस नही हुई की वो इतना बदल जाएगा। वो एक डांसर था लेकिन जीवन में कभी डांसर के साथ नही रहना चाहता था। शादी के बाद वो मेरे पीछे पड़ा की तुम डांस छोड़ दो मै उसे नही खोना चाहती थी इसलिए मेने डांस को छोड़ दिया ”
उस समय वो डांस कर के कुछ खास पैसे नही कमाता था। इसलिए हम मुंबई शहर में चले गए, लेकिन वहां भी हमारे सामने वितरीत परिस्थितियां आ गई, तब घर का खर्चा चल सकें इसलिए मेने एक बार फिर डांस करना शुरु कर दिया मेरे डांस की वजह से मुझे काम मिलता शुरु हो गया लेकिन उसे अब भी काम नही मिल रहा था मेरा नाम विदेशो में डांस करने के लिए लिया जाने लगा मेने विदेशो में भी कई डांस परफार्म किए साथ ही मेने बॉलीवुड एक्टर्स मनीषा कोइराला के साथ भी काम किया मेरी यह उपलब्धियां उसे रास नही आयी और वो मेरे से लड़ने लगा अपना गुस्सा निकालने के लिए वो गालिया देता और नाचने वाली से लेकर कई गलत शब्द बोलता यह सब बोल कर वो मुझे परेशान करना चाहता था।
एक बार, वो मेरे डांस शो में आया और जब मेरी परफॉरमेंस पुरी हो गई तब सब डांसर के सामने मेरे से लड़ने लगा और मेरे थप्पड़ मार दिया। उसकी इस हरकत के बाद मे अंदर से टूट गई थी पता नही था आगे क्या करना है इस हरकत के बाद भी मेने उसका साथ नही छोड़ा क्योंकि जीवन में मेरे लिए आगे दुसरा रास्ता नही था। कुछ समय बाद में गर्भ से हो गई लेकिन उसकी आदते अभी भी नही सुधरी वो अब भी वह अपनी विफलताओं के लिए मुझे जिम्मेदार ठहरा रहा था। मेरे 2 साल की बेटी होने के बाद एक दिन हम दोनो के बीच फिर लड़ाई हो गई उसने मुझे इतना मारा की एक समय तो ऐसा लगा की मेरा पैर टूट जाएगा। उसकी रोज-रोज यू लड़ाई करने से मै परेशान हो गई थी और एक दिन खुद को खत्म करने के लिए खिड़की से कूद गई लेकिन पड़ोसियों ने उस समय मुझे बचा लिया।
मै अपने जीवन में सबसे ज्यादा तब टूट गई जब मुझे पता लगा की उसका किसी लड़की के साथ अफेयर चल रहा है और वो दोनो शादी करने वाले है। पुरे जीवन उसका साथ दिया और उसने 1 मिनट में सब भुलाते हुए हम को घर से निकाल दिया।
जीवन में पहले परिवार व फिर पति से मिले दुखों से मधुमति पुरी तरह से हार चुकी थी लेकिन इन परिस्थितियों में मधुमति ने अपनी बेटी की और देखा और अपना सब कुछ बदलने के लिए ऊठ खड़ी हुई।
“ इस बार जो भी किया बस अपने लिए किया पहले तलाक लिया और अपनी बेटी के साथ एक किराए के रुम में रहने लगी, शुरुआत के कुछ दिन मुश्किल से गुजरे लेकिन समय के साथ पैसो को जोड़ना शुरु कर दिया। अपनी इस बचत से बाद में एक छोटी सी डांस अकादमी खोल ली, इस अकादमी को मधुमति ने शुरुआत में अपने घर के आंगन में ही चलाया लेकिन मेरी कड़ी मेहनत ही जिस वजह से मेरी आज एक बड़ी डांस अकादमी है। करीब 200 स्टूडेंट वहां डांस सीखने आते है। आज पुरे 15 साल हो गए मे अपने पैरो पर खड़ी हुं अब मेरी दुनिया ऐसा कोई शख्स नही है जो मेरी जिंदगी को तय करता हो। मे क्या कर सकती हुं और मुझे क्या करना चाहीए इसका फैसला में खुद लेती हूं।
दोस्तो मधुमिता की यह जीवन संघर्ष कहानी सभी को यही सीख देती है की खुद पर विश्वास कभी ना खोए हम अपने दम पर किस्मत का पन्ना पलट सकते है।
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