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कौन होते है मार्कोस कमांडो क्या होता है इनका मुख्य काम | Marcos Commandos Full History In Hindi
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जल थल और वायु तीनो ही जगहों पर दुश्मनों के छक्के छुड़ा देने वाले भारत के मार्कोस कमांडो को दुनिया के 10 सबसे खतरनाक और बाहदुर कमांडो की लिस्ट में शामिल किया जाता है जब किसी ऑपरेशन को मार्कोस कमांडो अंजाम देने निकलते है तो दुश्मन का विनाश कर के ही लौटते है यही कारण है की भारत की स्पेशल फोर्स में मार्कोस कमांडो को प्रथम स्थान पर रखा गया है मार्कोस कमांडो की ब्लैक ड्रेस आखों पर ब्लैक चश्मा और उनकी फुर्ती देखकर लगता है ये देश की सुरक्षा के लिए सबसे बेस्ट फोर्स है और दुश्मनों के लिए काल साथ ही समुद्री लुटेरों के लिए तो मार्कोस कमांडो का नाम ही दहशत है.
दोस्तों मार्कोस कमांडो इंडियन नेवी की ही एक स्पेशल फोर्स है शुरुआत से ही अपने कई मिशन को अंजाम दिए है फिर आतंकियों से भिड़ना हो या फिर उनकी गिरफ्त से लोगो को छुड़ाना हो यह हर तरह की परिस्थितियों में मिशन को अंजाम देने में कुशल होते है जब भारत सरकार को लगा की भारत में एक ऐसी फोर्स होनी चाहिए जो समुद्र के साथ जमीन पर भी दुश्मनों को खत्म कर सकें और आवश्कता पड़ने पर देश में आतंकी ऑपरेशन कर सकें इसी सोच के साथ गवर्नमेंट ने साल 1987 को इंडियन मरीन स्पेशल फोर्स यानी IMSF का गठन किया दोस्तों यही से शुरुआत हुई
Source im.indiatimes.in
मार्कोस कमांडोज़ की बाद में साल 1991 में इस फ़ोर्स का नाम बदलकर मरीन कमांडो फोर्स कर दिया गया इसकी स्थापना के बाद शुरुआत में तो इसमें शामिल किये गए जवानो को भारत की ही तीनो सेनाओ से ट्रेनिंग दी गई लेकिन बाद में इन्हे US Navy Seal के साथ ट्रेनिंग करने के लिए भेजा गया साथ में इन्हें बिट्रिश आर्मी फोर्स के साथ भी ट्रेनिंग दी गई दुनिया की दो सबसे बड़ी ताकतवर सेनाओ से ट्रेनिंग लेने के बाद मार्कोस कमांडो किसी भी परिस्थितियों में दुश्मनों से भिड़ने के लिए तैयार थे मार्कोस कमांडो कितने खतरनाक है इस बात का सबूत है उनके द्वारा किये गए ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन आशा,ऑपरेशन कैक्टस,ऑपरेशन ज़बरदस्त ,ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन सावन
दोस्तों अब तक हमने जाना की देश में मार्कोस कमांडो की स्थापना देश में क्यों हुई दुनिया किन फोर्स के साथ इनकी ट्रेनिंग होती है और अब तक देश में कौन कौन से ऑपरेशन कर चुके है लेकिन दोस्तों हम मार्केस कमांडो के बारे में कुछ और बातें जानने वाले है जो काफी इंटरेस्टिंग है दोस्तों ऐसा कहा जाता है की मार्कोस कमांडो के घर वालो को भी इस बात की जानकारी नहीं होती है की वो मार्कोस कमांडो है साथ ही मीडिया के सामने वो कभी अपनी पहचान नहीं बताते वर्तमान में इस फोर्स में कुल मार्कोस कमांडो की संख्या 2000 के करीब बताई जाती है लेकिन फ़ोर्स के मरीन फोर्स के सिक्योरिटी रीजन के चलते यह एक अनुमानित आकड़ा है
Source resize.indiatvnews.com
हर मिशन में फतह हासिल करने वाली इस फ़ोर्स का स्लोगन है "The Few The Fearless" यानी हमारी संख्या कम है लेकिन फिर भी निडर है और हर परिस्थितियों से हमेशा लड़ने के लिए तैयार है दोस्तों मार्कोस कमांडो बनने के लिए काफी मुश्किल परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है और इसमें शामिल होने के लिए आप इंडियन आर्मी में सैनिक होने जरुरी है और ऐसा कहा जाता है की दस हजार में से एक सैनिक ही मार्कोस कमांडो की ट्रेनिंग पास कर पाता है साथ ही मार्कोस कमांडो के लिए केवल 20 साल से छोटे जवानो को ही शामिल किया जाता है इसमें ज्वाइन होने के बाद उन्हें US नेवी सेल्स और स्पेशल एयर सर्विस में ट्रेनिंग के लिए ढाई साल के लिए भेज दिया जाता है
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दोस्तों जो सैनिक इस ट्रेनिंग में सफल हो जाता है व मार्कोस कमांडो बन जाता है और जो विफल होता है वो फिर से देश की सेवा में लग जाता है दोस्तों भले ही मार्कोस कमांडो इंडियन नेवी की एक स्पेशल फ़ोर्स है लेकिन मार्कोस देश के तीनो सेना बल जल थल और नल के साथ हर ऑपरेशन में शामिल होते है और जब देश में 1999 में कारगिल युद्ध हुआ तब दुनिया ने मार्कोस कमांडो की ताकत देखी थी जब इंडियन आर्मी के साथ मार्कोस कंधा से कंधा मिलकर लड़ते नजर आये.
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