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देश के 6 वें और सबसे युवा राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी | Neelam Sanjiva Reddy Biography In Hindi
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- नाम - नीलम संजीव रेड्डी
- जन्म दिंनाक - 19 मई 1913
- जन्म स्थान - इल्लुर गांव, अनंतपुर ज़िला, आंध्र प्रदेश
- पिता का नाम - नीलम चिनप्पा रेड्डी
- पत्नी का नाम - श्रीमती नागा रत्नम्मा
- संतान के नाम - एक पुत्र तीन पुत्रिया
- शिक्षा - ग्रेजुएशन साल 1958 में वेकटेश्वर यूनिवर्सिटी से
- उपाधी व सम्मान - त्रिमूर्ति द्वारा डॉक्टरेट की उपाधी
- मृत्यु दिंनाक - 1 जून 1996
- मृत्यु स्थान - बैंगलोर कर्नाटक
6 वें राष्ट्रपति के तौर देश की सेवा कर चुकें नीलम संजीव रेड्डी का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था संजीव रेड्डी भारत देश के सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति बने और इस पद की गरिमा को बढाया. नीलम संजीव रेड्डी भारत के 6 वें राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई 1977 से लेकर 25 जुलाई 1982 देश के इस सबसे बड़े पद को सँभालते हुए देश की सेवा की.
भारत के 6 वें और कम उम्र राष्ट्रपति के रह चुकें संजीव रेड्डी भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे, समय के साथ वो उनके विचारों के कट्टर अनुयायी बन गए. उनके विचारो के अनुसार उन्होंने विदेशी वस्त्रों की को त्याग कर खादी वस्त्रों का को अपनाया साथ ही देश की आजादी की लड़ाई में भाग लेते हुए. भारत के स्वतंत्राता सग्राम में हिस्सा लेकर अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाई.
देश में महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए भारत छोड़ो आन्दोंलन में देश के सबसे युवा राष्ट्रपति संजीव रेड्डी ने भाग लेकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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इस आंदोलन के साथ ही देश में महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया था. इस दौरान अग्रेजी सरकार द्वारा दी गई कई यातनाओं का सामना किया.
भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर चुकें नीलम संजीव रेड्डी भारत देश के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे साथ ही आधंप्रदेश के कांग्रेस के सामान्य सचिव एवं कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए पद को कुशलता से संभाला. तो चलिए दोस्तो जानते है भारत के सबसे युवा राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत रहने वाले संजीव रेड्डी के जीवन के बारें में और अधिक जानते है.
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भारत के सबसे युवा राष्ट्रपति देश के 6 वें राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के इल्लुर में 19 मई 1913 को तेलुगु के एक किसान के घर में हुआ था. संजीव बचपन से काफी होशियार थे उनके पिता नीलम चिनप्पा रेड्डी काग्रेंस पार्टी के कार्यकता रह चुकें थें.
जब संजीव रेड्डी 22 साल के तब उनका वर्ष 1935 में नागा रत्र्म्मा के साथ हो गई, विवाह के पश्चात संजीव रेड्डी के घर एक पुत्र और तीन पुत्रियों का जन्म हुआ संजीव रेड्डी ने अपनी शिक्षा की शुरूआत अडयार (मद्रास) थियोसेफिकल हाई स्कूल से शुरु की. बाद में उन्होंने आगे की ग्रेजुएशन की शिक्षा अनंतपुर के मद्रास यूनिवर्सिटी एवं एफिलिएटेड कॉलेज से आर्ट्स की डिग्री हासिल की.
संजीव रेड्डी की स्वाधीनता आंदोलन में भूमिका - Neelam Sanjiva Reddy Independence Movement
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देश में चल रहे स्वाधीनता आंदोलत के तहत साल 1929 में महात्मा गांधी अतंपुर गांव दौरे पर गए. इस दौरान गाधी जी की देश भक्ति को देख संजीव रेड्डी उनकी प्रेरणाओं से इतने प्रभावित हुए की वो गांधी जी के कट्टर अनुयायी बन गए उन्होंने अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ गांधी जी के साथ आाजादी की लड़ाई में शामिल हो गए. उनके इस फैसले के बाद उनका पुरा जीवन ही बदल गया
जब संजीव रेड्डी विद्यार्थी जीवन में थे तब भी उन्होंने साथी विद्याथीयों के साथ एक सत्याग्रह में हिस्सा लिया. बाद में गांधी जी के साथ भारत छोड़ो आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया आंदोलनो के इन दौर में नीलम संजीव रेड्डी को कई दिन जेल में गुजारे और यातनाएं सही.
देश की आजादी के आंदोलन में भाग लेने के दौरान नीलम संजीव रेड्डी को साल 1940 से 1945 के बीच पुरे पांच साल जेल में रहना पड़ा. इस दौरान वो 1 जुन 1941 से 18 मार्च 1942 तक वेल्लूर की जेल में रहें. 5 साल जेल में रहने के बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया, लेकिन भारत छोडों आांदोलन में एक बार फिर उन्हें पकड़ कर जेल मे डाल दिया गया इस बार 11 अगस्त 1942 से 1945 तक अमरावती की वेल्लूर जेल में रखा गया.
नीलम संजीव रेड्डी का राजनीतिक सफर - Neelam Sanjeeva Reddy Political Career In Hindi
अपने पिता के एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रुप में कार्य करने के चलते नीलम संजीव रेड्डी का भी राजनैतिक करियर कांग्रेस के साथ एक कार्यकर्ता के रूप में शुरु हुआ. बाद में आगे चलकर उन्होंने अपनी कुशल कार्य पद्दती से कई पदों को हासिल किया तो चलिए जानते है नीलम संजीव रेड्डी के राजनैतिक जीवन सफर किस तरह रहा.
नीलम संजीव रेड्डी को साल 1936 में आंध्र प्रदेश के प्रोविजनल कांग्रेस कमेटी को सचिव पद पर नियुक्त किया गया इस पद पर 10 वर्ष तक रहें.
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वर्ष 1946 में रेड्डी को मद्रास विधान मंडल का सचिव नियुक्त किया गया.
साल 1936 में संजीव रेड्डी को आंध्र प्रदेस प्रोविजनल कांग्रेस के विधान मंडल का सचिव पद दिया गया.
भारत के आजाद होने के 2 वर्ष बाद साल 1949 में रेड्डी को मद्रास स्टेट में वन आवास एवं निषेध मंत्री का पद दिया गया वो इस पद पर 2 साल तक रहें बाद में मद्रास में हुए विधानसभा का चुनाव हार गए थे.
1951 में रेड्डी को आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष पद दिया गया.
जब साल 1952 में जब आंध्र प्रदेश का राज्य के रुप में गठन हुआ तब नीलम संजीव रेड्डी को इस नवनिर्मित राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया.
पहली बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद को संभालने के बाद वो 3 साल तक इस पद पर रहे और इससे उन्होंने इस्तीफा दे दिया बाद में साल 1962 में कांग्रेस के अध्यक्ष के रुप में कार्य किया.
लगातार दो बार कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर काम करने के बाद साल 1960 में उन्होंने इस पद को त्याग दिया और बाद में 12 मार्च 1962 में एक बार फिर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चुनें गए.
साल 1964 में जब देश के प्रधानमंत्री के रुप में लाल बहादुर शास्त्री ने शपथ ली तब शास्त्री जी ने नीलम संजीव रेड्डी को केद्र में स्टील एवं खान मंत्री का पद दिया. बाद में साल 1977 में रेड्डी 13 साल तब राज्यसभा के सदस्य रहें.
जब भारत देश के इंदिया गांधी और मोरारजी प्रधानमंत्री रहें उनके कार्यकाल के दौरान भी संजीव रेड्डी अहम पदों पर रहें. जब साल 1951 में जाकिर हुसैन का निधन हुआ तब राष्ट्रपति पद के हुए चुनाव में वी.वी गिरी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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साल 1977 में देश के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अहमद का निधन हुआ तब राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए. इस चुनाव में नीलम संजीव रेड्डी को निर्विरोध भारत का राष्ट्रपति चुना गया और इस तरह वो भारत के सबसे युवा राष्ट्रपति बनें तब उनकी उम्र 65 साल थी.
नीलम संजीव रेड्डी का अंतिम समय - Youngest President India Neelam Sanjeeva Reddy Death In Hindi
देश में तीन अलग-अलग इंदिरा गांधी मोरारजी देसाई, और किसान नेता चौधरी चरण सिंह जी के साथ काम करने वाले भारत के सबसे युवा राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का 1 जून 1996 को 83 साल की उम्र में निधन हो गया देश हमेंशा उनके राजनीतिक करियर में किए कार्या को याद रखेगा.
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