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सुनीता विलियम्स की जीवनी | Sunita Williams Biography in Hindi
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सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय | All About the Biography of Sunita Williams In Hindi
सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अमेरिकी नौसेना की अधिकारी है।
- नाम - सुनीता माइकल जे, विलियम्स (विवाहपूर्ण - सुनीता - दीपक पांड्या)
- जन्म - 19 सितम्बर 1965
- जन्मस्थान - युक्लिड , ओहियों राज्य
- पिता - डॉ. दीपक एन. पांड्या
- माता - बॉनी जालोकर पांडया
- पति - माइकल जे. विलियम
- व्यवसाय - अंतरिक्ष यात्री
- अंतरिक्ष में बीता समय - 321 दिन 17 घंटे 15 मिनट
- चयन - अमेरिकी अंतरिक्ष एजेसी (नासा 1998)मिशन - एसटीएस 116, अभियान 14, अभियान 15, एसटीएस 117, सोयुज टीएमए-05 एम, अभियान 32, अभियान 33
- मिशन उपलब्धियॉ - अभियान 15, एसटीएस 117, सोयुज टीएमए-05एम,अभियान 32, अभियान 33
सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहियो राज्य में यूक्लिड नगर में हुआ था। उनके पिता डॉ दीपक एन पांड्या एक जाने माने तंत्रिका विज्ञानी है। जिनका संबंध भारत के गुजरात राज्य से है। सुनीता की मॉ बॉनी जालोकर पांड्या स्लोवेनिया की है। सुनीता का एक बडा भाई है जिसका नाम जय थॉमस पांड्या है और एक बडी बहन डायना एन थॉमस पांड्या है। जब सुनीता की आयु लगभग 1 वर्ष के करीब थी तब ही उनके पिता भारत छोडकर अमेरिका के बोस्टन में आकर बस गये थे। हालॉकि उनके बच्चे अपने दादा - दादी चाचा - चाची और अपने चचेरे भाई - बहनों को छोडकर ज्यादा खुश नहीं थी । लेकिन उन्हें फिर भी जाना पडा। सुनीता का अगस्त 1988 में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में चयन हुआ और जॉनसन स्पेस सेंटर में प्रशिक्षण करना शुरू हुआ।
नासा में करियर
सूनिता भारत में जन्म होने के कारण वह हिन्दू भगवान गणेश को बहोत मानती है और जब वे अंतरिक्ष में गयी थी तब वे अपने साथ हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ ‘भगवद गीता भी लेकर गई थी। सुनीता भारतीय मूल की दूसरी महिला है जो अमरीका के अंतरिक्ष मिशन पर गई। सुनीता ने सितंबर 2007 में भारत का दौरा किया था। जून , 1998 में नासा से जुडी सुनीता ने अभी तक कुल 30 अलग - अलग अंतरिक्ष यानों मे 2270 उडानें भरी है। साथ ही सुनीता सोसाइटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलेट्स, सोसाइटी ऑफ पलाइट टेस्ट इंजीनियर्स और अमेरिकी हैलिकॉप्टर एसोसिएशन जैसी संस्थाओं से भी जुडी हुई है।
अमेरिकी सेना में करियर
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सन 1987 में सुनीता विलियम्स को अमेरिकी सेना में कमीशन पद पर 6 महीन की अस्थायी तोर पर नियुक्त किया गया। इस अस्थायी नियुक्त के बाद उन्हें ‘ बेसिक डाइविंग ऑफिसर‘ पद पर नियुक्त किया गया। सन 1989 में उन्हें ‘ नेवल एयर ट्रेनिंग कमांड भेज दिया गया जहॉ ‘ नेवल एविएटर नियुक्त किया गया। इसके पश्चात उनहोंने ‘ हेलिकाप्टर कॉम्बैट सपोर्ट स्क्वाड्रान‘ में ट्रेनिंग ली और कई विदेशी स्थानों पर तैनात हुई। भूमध्यसागर, रेड सी और पर्शियन गल्फ में उन्होंने ‘ऑपरेशन डेजर्ट शील्ड‘ और ‘ऑपरेशन प्रोवाइड कम्फर्ट‘ के दौरान कार्य किया। सितम्बर 1992 में उन्हें एच- 46 टुकडी को ऑफिसर - इन - चार्ज बनाकर मिआमि भेजा गया।इस टुकडी को ‘हरिकेन एंडू‘ से सबंधित रहात कार्य के लिए भेजा गया। सन 1993 के जनवरी महीने में सुनीता ने ‘यू.एस.नेवल टेस्ट पायलट स्कूल‘ में अभ्यास प्रारंभ किया। दिसम्बर 1995 में उनहें यू.एस. नेवल टेस्ट पायलट स्कूल‘ में ‘ रोटरी विंग डिपार्टमेंट में प्रशिक्षक और स्कूल के सुरक्षा अधिकारी के तौर पर भेजा गया। वहां उन्होंने यूएच - 60 , ओएच-6 और ओएच - 58 जैसे हेलिकॉपटर्स को उडाना खिखा। सन 1998 में जब सुनीता का चयन नासा के लिए हुआ जब वे यूएसएस सौपान पर ही कार्यरत थी।
व्यक्तिगत जीवन
उनका विवाह माइकल जे. विलियम्स से हुआ। वे नौसेना पोत चालक, हेलीकाप्टर पायलट, परीक्षण पायलट, पेशेवर नौसैनिक व गोताखोर, तथा पशु - प्रेमी है और अब एक अंतरिक्ष यात्री एवं विश्व - कीर्तिमान धारक हैं। उन्होंने एक साधारण व्यक्तित्व से ऊपर उठकर अपनी साधारण पहचाना बनाई है। आज वह जिस मुकाम पर पहुची है उसके पीछे उनकी मेहनत तथा उनका आत्मविश्वास ही है।
सुनीता विलियम को दिए गये पुरस्कार व सम्मान -
- नेवी एंड मैडिन क्रॉप अचीवमेट मैडल।
- नेवी कमेंडेशन मेडल
- हयूमैचिटेरियन सर्विस मेडल
- मैडल फॉर मेडिट इन स्पेस एक्सपलोरेशन
- वर्ष 2008 में भारत सरकार के द्वारा पद्वा भुषण से सम्मानित किया गया।
- सन 2013 में गुजरात टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई।
- वर्ष 2013 में स्लोवेनिया सरकार के द्वारा ‘गोल्डन आर्डर फॉर मेरिट्स‘ प्रदान किया गया।