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भारत के वो 5 आविष्कार जिन्हे आज नहीं मिली पहचान | Top 5 Unrecognized Indian Inventions In Hindi
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नमस्कार दोस्तों भारत जिसे धार्मिक एवं एक रूढ़िवादी राष्ट्र माना जाता है साथ ही ऐसा कहा जाता है की भारत दुनिया में विज्ञान और तकनिकी क्षेत्र में पिछड़ा हुआ राष्ट्र है लेकिन दोस्तों इस बात में बिलकुल भी सच्चाई नहीं है क्योंकि भारत के बिना ना तो दुनिया धर्म की ना अध्यात्म और ना ही विज्ञान की कल्पना कर सकता है भारत के प्राचीन ऋषि मुनियो और वैज्ञानिको ने कई ऐसे आविष्कार किये है जिनके कारण पूरी दुनिया ही बदल गई है दोस्तों आज हम हमारे लेख में भारत के कुछ ऐसे अविश्वसनीय आविष्कारों के बारे में बताएंगे जिनके बारे में शायद ही आपने अब तक सुना होगा साथ ही दोस्तों यदि यह अविष्कार नहीं होते तो आज की दुनिया इतनी स्मार्ट नहीं हो पाती तो चलिए दोस्तों जानते है भारत में हुए उन प्राचीन अविश्वसनीय आविष्कारों के बारे में
5. प्लास्टिक सर्जरी - Invention Plastic Surgery
प्लास्टिक सर्जरी का नाम तो आपने सुना होगा जब इसका आविष्कार हुआ तब चिकित्सा जगत में एक क्रांतिकारी बदलाव हुआ और आज बहुत से लोगो का मानना है की चिकित्सा जगत को प्लास्टिक सर्जरी की देन आज का आधुनिक विज्ञान है लेकिन दोस्तों आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए की प्लास्टिक सर्जरी के साथ ऐसी कई तकनीकों को आज से कई सालो पहले भारत के ज्ञानियों ने इनकी खोज कर ली थी भारत के महान ऋषि सुश्रुत को अपनी चिकित्सा जगत में उपलब्धियों के कारण शल्य चिकित्त्या का जनक माना जाता है ऋषि सुश्रुत ने आज से हजारो साल पहले ही चिकित्सा जगत में काफी सफलता हासिल कर ली थी और वो उस दौर में शल्य चिकित्या ( प्लास्टिक सर्जरी) में उनको महारत हासिल थी जब युद्ध के दौरान किसी सैनिक के अंग बुरी तरह चोटिल हो जाते थे या क्षत विक्षति हो जाते थे तब उन सभी सेनिको के इलाज की पूर्ण जिम्मेदारी ऋषि सुश्रुत को ही दी जाती थी सुश्रुत ने 1000 ईसा पूर्व अपने दौर के शास्त्र वैज्ञानिको के साथ मिलकर मोतियाबिंद, महिलाओ का प्रसव, पथरी का इलाज और साथ ही प्लास्टिक सर्जरी जैसी कई तकनीकों का निर्माण किया था
4. विमान - Invention Aeroplane
दोस्तों अब तक हमें स्कूलों और इतिहास की किताबो में यहीं बताया गया की विमान का आविष्कार राइट ब्रदर्स ने किया था लेकिन दोस्तों हम ऐसा कहें की आपका ज्ञान अब तक अधूरा था तो गलत नहीं होगा ऐसा जरूर है की राइट ब्रदर्स ने आधुनिक विमान की शुरुआत 1903 में की थी लेकिन दोस्तों आज से हजारो साल पहले ऋषि भारद्वाज ने अपने विमान शास्त्र में हवाई जहाज बनाने की पूर्ण तकनीक के बारे में विस्तार से बताया था दोस्तों इस शास्त्र में गोदा विमान के बारे में बताया गया है जिनमे अनेक खूबियां थी यह अदृश्य हो जाता था और किसी भी विमान को ख़राब कर सकता है दूसरा था प्रलय जो एक विधुत ऊर्जा का शस्त्र था इसके सहायता से भयंकर तबाही मचाई जा सकती थी यही कारण है की इसके स्कंद पुराण में इस यान के कई सबूत मिलते है इसमें बताया गया की ऋषि करघम ने अपनी पत्नी के लिए एक विमान की रचना की थी जिसकी सहायता से कही भी किसी भी जगह आसानी से हवाई मार्ग से आसानी से आया जाया जा सकता था दोस्तों आप रामायण काल की इस बात को जान हैरान होंगे की अशूर रावण के पास कई जहाज थे और जहाजों का प्रयोग रामायण काल से ही होता आया है इसमें एक है पुष्पक विमान जिसमे बैठकर रावण ने माता सीता का हरण किया था श्री लंका के विशेषज्ञों के रिसर्च अनुसार लंका में कुल 4 हवाई अड्डे थे और इनके प्रमाण भी उन्हें मिल चुके है और ये सभी प्रमाण साबित करते है की आज से हजारो साल पहले ही लोगो के पास हवाई जहाज बनाने की तकनीक थी साथ ही वो ऐसे विमानों का उपयोग भी करते थे दोस्तों हमारे पास एक और तथ्य जिस पर लोगो को मेथोलॉजिक दृष्टि वाले लोगो को विश्वास नहीं होता लेकिन वो भी इस तथ्य के बारे में जान हैरान होंगे राइट ब्रदर के आविष्कार से 8 साल पहले ही भारत के ही एक व्यक्ति शिवकर बापूजी तलपड़े ने जहाज का आविष्कार कर दिया था उस विमान का उन्होंने मुंबई के चौपाटी पर परिक्षण भी किया था जिस पर बॉलीवुड पर साल 2016 में हवाइज़ादा फिल्म भी बन चुकी है शिवकर बापूजी ने भी इस जहाज का निर्माण महर्षि भारद्वाज के सिद्धांतो को ध्यान पर रखकर किया था
3. पहिये का आविष्कार - Invention of the wheel
Source pixfeeds.com
दोस्तों आज से 5000 वर्ष पूर्व कौरव और पांडवो के बीच महाभारत का युद्ध हुआ था तब इस युद्ध रथों से सम्पूर्ण युद्ध को लड़ा गया था अब दोस्तों थोड़ा सा अपने दिमाग पर जोर डालिये की यदि पहिये नहीं होते तो रथ चल पाते इससे ये बात सिद्ध होती है की आज से 5000 साल पहले ही पहिये का निर्माण हो गया था पहिये के आविष्कार आज मानव इतिहास में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है इसी के कारण आज के आधुनिक यंत्र साइकिल बाइक कार को बनाने का सफर पूर्ण हुआ इतिहास के खोजकर्ताओं का मानना है की दुनिया में इतिहास में पहिये का आविष्कार इराक में हुआ था हलाकि दोस्तों रामायण और महाभारत काल से पहले ही भारत में पहिये के आविष्कार को रूप दिया जा चूका था साथ ही दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता सिंधु घाटी की खुदाई से प्राप्त खिलौना गाड़ी आज भी भारत के संग्राहलय में रखी हुई है सिर्फ ये खिलौना गाड़ी ही इस बात को प्रमाणित करती है की भारत में ही पहिये का सबसे पहले निर्माण हुआ था
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2. रेडियो का आविष्कार - Invention Radio
Source smart90.com
हमने आज तक इतिहास की किताबो में यहीं पढ़ते आये है की रेडियो का आविष्कार गुग्लिल्मो मार्कोनी ने वर्ष 1920 में किया था लेकिन दोस्तों रेडिओ के आविष्कार के पीछे एक कहानी छिपी है जो आप लोगो को नहीं पता अंग्रेज काल के दौरान भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बॉस के नोट्स मिले और उन्हीं नोट्स के आधार पर मार्कोनी ने रेडिओ का आविष्कार किया और इसी आविष्कार के लिए साल 1909 में वायरलैस टेलीग्राफी के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया लेकिन दोस्तों संचार माध्यम से से पहला प्रदर्शन जगदीश चंद्र बॉस ने 1885 में कर दिया था और इसके दो सालो बाद मार्कोनी ने इसका प्रदर्शन किया और रेडिओ आविष्कार का इतिहास अपने नाम लिखवा लिया क्योंकि उस दौर में भारत अंग्रेजी की गुलामी झेल रहा था इस वजह से उनके इस आविष्कार को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया और इस वजह से आज इतिहास की किताबो में मार्कोनी को रेडिओ आविष्कार का जनक माना जाता है
1. बिजली का आविष्कार - Invention of Electricity
दोस्तों महर्षि अगस्त्य वैदिक ऋषि थे इतिहास और हम सभी मानते है बिजली का आविष्कार एडिसन ने किया था लेकिन दोस्तों इस बारे में अपनी किताब में एडिसन ने लिखा की एक बार वो एक सस्कृत की किताब का वाक्या पढ़ते पढ़ते सो जाते है तब मुझे सपने में उस वाक्य का अर्थ समझ में आया और उसी वाक्य के अर्थ के अनुसार मुझे बिजली बनाने में मदद मिली
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